Wednesday, May 6, 2009

कौलेज मे मेरी चुदाई
हाय,मेरा नाम रचना है! मै इन्जिनियरिन्ग फ़ाइनल इयर की छात्रा हुं ! मै आज आपको कौलेज मे अपनी चुदाई की एक कहानी सुना रही हु !वैसे ये मेरी पहली चुदाई नही है ! मै पहले भी कई बार चुदवा चुकी हु कौलेज मे आने से पहले भी ! देखने मे मै बहुत ही सेक्सी हु और मेरे बुब्स बहुत बड़े है!अभी मेरी उम्र २१ साल है! मेरे फ्रेडस कहते है की यार तेरी बुब्स तो आयसा टाकीया और उरमिला से भी बडी है !रियली मै बहुत जयादा से़क्सी हु!मेरा फ़िगर लड़कों को पागल कर देने के लिये काफी है!मै चुदवाये बिना रह नही सकती ये मेरी कमजोरी है!!मै अपने रुमेट के साथ गर्ल्स होस्टेल मे रह्ती हु! अब मै अपनी कहनी पे आती हु!
बात तब की है जब मै सेकण्ड इयर मे थी! मै हमेसा आगे की बेन्च पर ही बैठती थी! मेरे कौलेज मे गर्ल्स ,ब्वायज के मुकाबले बहुत कम है लडके हमेसा लड़कियों को पटाने मे लगे रह्ते है और बुब्स को देखकर लार टपकाते रहते है !मुझे शुरु से ही एक लड़का बहुत पसन्द था!वो काफी हैन्डसम था और पड़ने मे भी बहुत अछा था! लेकिन बहुत ही ज्यादा सर्मिला था! वो भी हमेशा आगे की बेन्च पर ही बैठता था! मै तो सुरु से ही उसपे लाइन मारती थी लेकिन वो हमेशा अपना सर झुका लेता,मै जब भी उसे देखती !मुझे नही पता की उसके मन मे क्या है ? लेकिन वो इतना भोला भी नही था जितना दिखता था! इक बार मै और वो काफी नजदीक बैठे हुये थे !सर पढ़ा रहे थे लेकिन मेरा ध्यान पढ़ने मे बिल्कुल ही नही था ! वो भी मुझे बार बार देख रहा था और जब भी मै उसकी तरफ देखती वह बुक्स देखने लगता ! अचानक मेरी नजर उसके पैंट पर पडी! उसका पैंट तना हुअ था और काफी फुला हुआ था!
मै समझ गई कि उसकी नजर मेरे बुब्स पर थी !मैने भी बहुत दिनो से नही चुदवाइ थी इसलिये मै गरम हो गयीऔर चुत फरवाने के लिये बेचैन हो गई ! मै जानती थी कि वो तो बोलेगा ही नही इसलिये मैने अकेला देखकर सिधे अपनी बात कह डाली! और मुझे ग्रीन सिगनल मिल गई! मिलती भी क्यो नही ,सारे लरके मुझे देखकर लार टपकाते थे ! और वो भी मेरे बारे मे सोचकर कितनी बार मुठ मार चुका होगा! हम दोनो ने मिलकर चुदाइ का इक पलान बनाया!मै होस्टल मे रह्ती थी वो भी होस्टल मे ही रहता था इसलिये हमलोग रात को नही निकल सकते थे! वो होस्टल से दुर मुझे एक अछे से होटल मे ले गया!हम दोनो बेड पर लेत गये!वो धीरे धीरे मेरे करीब आकर मेरे बुब्स पर हाथ फेरने लगा और मेरे मुलायम गुलाबी होठो को चुसने लगा! मै भी उसके लंड को सहलाने लगी ! वो कफी इक्साइतेद हो चुका था और मुझ पर भेड़िये की तरह टूट पड़ा! वो अपने कन्त्रोल मे नही था और मेरी चुचियो को बिना मेरे कपड़े हटाए ऐसे मसल रहा था की जैसे उसने आज तक कोइ लड़की नही चोदि है!मै भी पगला चुकी थी और उसके कपड़ो को नोच कर हटा दिया मै भी नन्गी हो गई !वो मेरी बुब्स को ऐसे मसल रहा था कि मेरी तो रुलाइ जा रही थी! लेकीन फिर भी मुझे बहुत मजा रहा था! मै उसे बार बार बोल रही थी कि मेरी चुत को भी शान्त करो लेकिन वो जैसे कुछ सुन हि नहीं रहा था! मेरी चुचिया लाल लाल हो चुकी थी और वो था कि मसले हि जा रहा था!मैने उसकी लंड को सहलाने लगी! बहुत हि कड़ा था उसका लंड!ज्यादा बड़ा तो नही था लेकिन छोटा भी नही था! मै उसके उपर गई और उसके लंड को चुसने लगी! वो आह आह कर रहा था और उछाल उछाल कर मेरे मुह को हि चोद दे रहा था! मैने उससे हसकर कहा भी कि ये मेरा मुह है बुर नही!उसने भी हस दिया ! एकाएक वो मुझे निचे पटक कर मेरे उपर गया और अपने लंड को मेरी दोनो चुचीयों के बिच रगड़ने लगा!मुझे सुरसुराहट होने लगी और मैने अपनी दोनो चुचीयो से उसके लंड को जकड़ लिया!अब उसका गरम लंड मेरी चुचीयो के बीच सरक रहा था!मुझे पता नही की मै होश मे थी या नही! मै ये कहानी लिख रही हु एक हाथ से और मेरी दुसरी हाथ की उन्गली मेरे बुर मे घुसी हुइ है और मेरी चुदाइ कर रही है!मेरी चुचीया बहुत बड़ी थी जैसा की मै पहले भी लिख चुकी हु और उसके लंड को पुरी तरह से कसे हुये थी!उसका कड़ा लंड मेरी चिकनी चिकनी चुचीयो के बीच फिसल रहा था! मेरे बुब्स का मजा लेने के बाद उसने मेरी बुर का स्वाद लेना शुरु किया!अपनी दोनो जान्घो को मेरी दोनो जान्घो के बिच कसकर अपना दहकता हुआ लंड मेरे बुर मे डाल दिया! मेरी चुदाइ शुरु हो चुकीथी!वो अपने लंड को झटके दे देकर मेरी चुत मे पेलने लगा!फ़नफ़नाता हुआ उसका लंड मेरी गरम चुत का मजा लेने लगा!मेरी चुत भी बहुत दिनो से प्यासी थी और काफी दिनो बाद लंड का स्वाद चख रही थी!उसके चोदने की रफ्तार कुछ ज्यादा थी! थप्प थप्प की आवाज कमरे मे गुन्ज रही थी!
मुझे कुछ दर्द तो हो रही थी क्युकि वो बहुत तेजी से चोद रहा था मुझे लेकिन उसे कुछ ज्यादा ही दर्द हो रहा था लेकिन अपनी रफ्तार को कम नही कर रहा था!वो बिच मे बडबडा भी रहा था जैसे कि रचना क्या माल हो तुम,क्या बुर है तेरी,आह, मै आज तेरी बुर को फाड़ दुन्गा! आह क्या बुर है!ऐशवर्या ,माधुरी का बुर भी इतना मुलायम नही होगा!आह! आह !आह!वो चोद भी रहा था कुछ ऐसे की आज वह मेरी चुत को फ़ार ही डालेगा!मै उइ मा उइ मा चिला रही थी!बहुत मजा रहा था मुझे सच्मुच! मै भी बडबडा रही थीजैसे की फार दे मेरी बुर,आह,उइ,उइ जोर जोर से चोदो, और जोर से ,आह,आह मेरे राजा!अपनी चूतर ऊठा ऊठा कर चुदवा रही थी मै ताकि उसका पुरा लंड मेरे बुर मे समा सके !मै भी पुरी चुदकड़ थी शायद उसे भी पता चल गया होगा! मै ताजी लंड का पुरा मजा उठा रही थी! कभी मै उसके उपर तो कभी वो मेरे उपर! बेड पर अफरातफरी मची हुइ थी! मेरी दोनो जान्घो को वह अपनी दोनो जान्घो के बीच पुरी तरह से जकरे हुआ था और उश्की दोनो हाथे मेरे बुब्स को मसल रहे थे! तो वो होश मे था और ना हि मै!वो पेले जा रहा था और मै बस पेलवाये जा रही थी! वो भी शायद पहली बुर का ही मजा ले रहा था !मै भी उसे पुरा मजा दे रही थी!बहुत देर तक उसने मेरी मुलायम बुर का मजा लिया! क्या जोश था उसमे मै नही कह सकती! इतनी जोर जोर से मेरी चुत मे अपना लंड धकेलता था मै छटपटा जाती!मेरी चुचीयो का जो हाल उसने किया उसे तो मै ही जानती हु!मेरी दोनो की दोनो चुचियाँ सुज गई थी!मेरी बुर का भी बुरा हाल था और लग रहा था जैसे कि उन्दर से छिल गया है!जो भी हो उसने जी भरकर चोदा मुझे! हम दोनो ही बुरी तरह से थक चुके थे और जोर जोर से हाफ रहे थे!जब वो झड़ने लगा मेरी चुत पुरी तरह भर गई!मै पुरी तरह से सन्तुष्ट हो चुकी थी और शायद वो भी! उसने मुझे इसके बाद न जाने कितनी बार चोदा होगा मुझे याद नही!जब कौलेज मे छुटिया शुरु हुइ तब हमदोनो ही दुसरी जगह चले गये और करीब तीन राते और दिन एकसाथ गुजारी!उसने मेरी जमकर चुदाइ की उन तीन दिनो मे!हमदोनो दिनरात एक दुसरे से पुरे नन्गे होकर चिपके रहते थे!मै अब भी कभी कभी चुदवा लेती हु उससे लेकिन मेरी प्यास और बढ गई है!
अभी तक मै अपने ५ बैचमेट के साथ सो चुकी हु! अगर मेरी चुदाइ आपको पसन्द आइ हो तो कुछ कौमेंट जरुर लिखिएगा! कुछ दिनो मे मै अपनी पहली चुदाइ की कहानी भी बताउन्गी तब मै सिर्फ 15 साल की थी!

4 comments:

  1. do u wanna really enjoy with a 9 inch.

    ReplyDelete
  2. मै भी तुमहे एक घंटा चोदना चाहता हूँ

    ReplyDelete
  3. रचना,
    एक रात मुझे भी दे दे

    ReplyDelete